What is Digital Payment System In India : नोटबंदी होने के बाद से ही देश लगातार कैशलेस सिस्टम की तरफ बढ़ रहा है | शुरुवात मे इससे लोगो काफी परेशानी हुई और कई चिंताएं पैदा की थी, लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों को Digital Payment की आदत भी पड़ रही है और समय के साथ इस राह में आने वाली बाधाओं को दूर भी किया जा रहा है |
भारत को कैशलेस इकनॉमी बनाने में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने Digital Translation पर कई फायदो की घोषणा की थी | आपको कैश ढोने, प्लास्टिक कार्ड रखने, बैंक या एटीएम की लाइन में लगने की जरूरत नहीं है | खासतौर पर जब आप सफर में हों तो खर्च करने का यह Safe और Easy विकल्प है | यह लोगो के लिए बहुत ही सुविधाजनक है अब ये लोगो को समझ आने लगा है और लोग का इसका इस्तेमाल करना बढ़ाते जा रहा है । तो आज हम इस ब्लॉग में Digital Payment से जुड़ी सभी जानकारी जानेंगे |
Table of Contents
डिजिटल पेमेंट क्या है? What is Digital Payment System In India
Digital Payment का मतलब Digital भुगतान से है जिसे कभी-कभी इलेक्ट्रॉनिक भुगतान भी कहा जाता है, एक Digital Device जैसे की मोबाइल फोन, पीओएस POS (Point of Sales) या कंप्यूटर, Digital Channel Communication जैसे मोबाइल Wireless Data या Swift (Society for the Worldwide Interbank Financial Telecommunication) का उपयोग करके एक खाते से दूसरे खाते में पैसे भेजते है। इस परिभाषा में बैंक हस्तांतरण (Bank Transfer), मोबाइल मनी (Mobile Money) और क्रेडिट (Credit), डेबिट (Debit) और प्रीपेड कार्ड (Prepaid Card) सहित भुगतान कार्ड (Payment Card) के साथ किए गए भुगतान शामिल हैं।
डिजिटल पेमेंट के लाभ | Benefits of Digital Payment

Digital Payment सुविधाजनक: Digital Payment में आपको कहीं भी और कभी भी Payment करने की सुविधा है | कई बार तो आपको Payment करने के लिए वहां होना भी जरूरी नहीं है और ऑफिस के समय में Payment का झंझट नहीं है | अगर आप इमरजेंसी में हों, जैसे हॉस्पिटल वगैरह, तो यह काफी मददगार साबित हो सकता है |
खर्च पर लगाम: अगर आप E-Wallet या कार्ड से Translation करते हैं तो खर्च का स्टेटमेंट आपके पास रहेगा | इससे आपको अपने खर्च पर लगाम लगाने मे आसान हैं | बहुत से एप और टूल हैं जो आपके खर्च करने के पैटर्न का विश्लेषण करते हैं और कुछ सालों में बढ़िया Analysis देकर आपकी मदद करते हैं |
Digital Payment का हिसाब: अगर आप सभी लेन-देन का हिसाब रख रहे है तो आपके लिए खर्च पर काबू पाना आसान हो जाता है | इसका एक फायदा यह होगा की आप बजट बनाना सीखेंगे और खर्च पर Control करने में मदद मिलेगी | यह आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में भी मदद करेगा क्योंकि इससे आपके सभी खर्च आपके सामने रहेंगे और सबका हिसाब रहेगा |
क्या आप जानते है भारत में पहला ऑनलाइन भुगतान प्लेटफॉर्म बिलडेस्क था, जिसने 2000 में अपना परिचालन शुरू किया था।
Digital Payment के नुक्सान

आइडेंटिटी (Identity) चोरी का खतरा – Digital Translation में सबसे बड़ा खतरा आइडेंटिटी थेफ्ट का है | हम Digital Translation के अभ्यस्त नहीं हैं, जबकि बहुत पढ़े लिखे और समझदार लोग भी Fishing Trap में फंस जाते हैं | जिसको इसकी ज़यादा जानकारी नहीं है उसके लिए ये खतरनाक हो सकता है क्युकी उनके साथ फ्रॉड करना आसान है | ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते खतरे के दौर में अधिकतर लोगों के Digital Translation प्लेटफॉर्म पर आने से हैकिंग के खतरे बढ़ते जा रहे है |
बैंक की हैकिंग : कठिन प्रक्रिया और कम शिकायत सुनवाई की वजह से लोगों के पास ऑनलाइन फ्रॉड से निपटने का कोई विकल्प नहीं है | इसके अलावा इस तरह के फ्रॉड से निपटने के लिए कोई कड़ा कानून भी अभी उपलब्ध नहीं है | साल 2019 अक्टूबर में ही इंडियन बैंकिंग सिस्टम को डेटा चोरी का शिकार होना पड़ा था |
Digital भुगतान के तरीके क्या हैं?
Digital इंडिया कार्यक्रम भारत को Digital रूप से सक्षम समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए भारत की प्रमुख पहल है। Digital इंडिया के घोषित लक्ष्यों में से एक “Faceless, Paperless और Cashless” होना है। स्मार्टफोन ऐप और AI/मशीन लर्निंग जैसी सेवाओं के माध्यम से, प्रौद्योगिकी ने दुनिया को इन सरल वित्तीय लेनदेन को अपनाने में सक्षम बनाया है। तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS), निवेश, बैंक विवरण, बिल भुगतान और अन्य Digital भुगतान विधियां मोबाइल बैंकिंग ऐप में एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। ग्राहकों को बैंकों द्वारा Digital सेवाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि इससे उनके लिए काम करना आसान हो जाता है।
भारत में ऑनलाइन भुगतान के तरीके
कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने और भारत को कैशलेस में बदलने के लिए विभिन्न Digital भुगतान उपलब्ध हैं। Digital भुगतान के कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं:
• बैंकिंग कार्ड
• पॉइंट ऑफ़ सेल (PoS)
• इंटरनेट बैंकिंग
• यूएसएसडी (अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा)
• यूपीआई (यूनिफाइड Payment इंटरफेस)
• मोबाइल बैंकिंग
• एईपीएस (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली)
• मोबाइल वॉलेट
• बैंक प्रीपेड कार्ड
• माइक्रो एटीएम
• भीम (भारत इंटरफेस फॉर मनी) ऐप
Digital भुगतान के तरीके
1. बैंकिंग कार्ड: कार्ड सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली Digital भुगतान विधियों में से एक हैं, जो भुगतान सुरक्षा, सुविधा, आदि जैसी कई सुविधाएँ प्रदान करती हैं। डेबिट/क्रेडिट या प्रीपेड बैंकिंग कार्डों का विभिन्न प्रकार के Digital भुगतानों के लिए उपयोग किए जाने का लाभ है। कैशलेस भुगतान करने के लिए ग्राहक कार्ड की जानकारी Digital भुगतान ऐप या Mobile Wallet में रख सकते हैं। Visa, Rupay और Mastercard कुछ सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध कार्ड भुगतान प्रणालियाँ हैं।
बैंकिंग कार्ड का उपयोग ऑनलाइन शॉपिंग, Digital भुगतान ऐप, पॉइंट-ऑफ-सेल मशीन और इंटरनेट लेन-देन के अलावा अन्य चीजों के लिए किया जा सकता है। इन बैंकिंग कार्डों में कार्ड नंबर, कार्डधारक का नाम, स्मार्ट चिप्स, समाप्ति तिथि, कार्ड धारक के हस्ताक्षर और सुरक्षा कोड, यानी CVV शामिल हैं।
2. पॉइंट ऑफ़ सेल (POS): इसका हिंदी भाषा में पूरा नाम ‘बिक्री केंद्र’ होता है। यह एक प्रकार का Device है जो की स्थान, दुकान या store पर उपयोग में लिया जाता है जिस स्थान पर सामान की बिक्री करने का कार्य किया जाता है। Point Of Sale एक प्रकार से computer की तरह है जो नकद रहित भुगतान करने के लिए उपयोग की जाती है। हालांकि इसके द्वारा न केवल transaction कार्य किये जा सकते है बल्कि ग्राहकों को Purchase Receipt भी निकाली जा सकती है। इस मशीन का उपयोग आपको बहुत स्थानों पर देखने को मिलता है ।
3. इंटरनेट बैंकिंग (INTERNET BANKING): Net Banking या ऑनलाइन बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है। यह एक Digital भुगतान प्रणाली है, जो किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के ग्राहकों को इंटरनेट के माध्यम से वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन करने की अनुमति देती है। ग्राहक इस सेवा का उपयोग व्यावहारिक रूप से हर उस बैंकिंग सेवा तक पहुंचने के लिए कर सकते हैं जो पहले केवल उसकी स्थानीय शाखा में उपलब्ध होती थी, जैसे कि फंड ट्रांसफर, जमा और ऑनलाइन बिल भुगतान।
4. यूएसएसडी (USSD): एक अन्य Digital भुगतान तकनीक है *99# डायल करना, जिसका उपयोग बिना ऐप डाउनलोड किए मोबाइल से भुगतान करने के लिए किया जा सकता है। भुगतान के ये प्रकार तब भी किए जा सकते हैं, जब आपके पास इंटरनेट तक पहुंच न हो। यूएसएसडी और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI ) इस सेवा का समर्थन करते हैं। Digital भुगतान सेवा के इस रूप का प्राथमिक लक्ष्य Digital भुगतान प्रणालियों में समाज के वंचित समूहों की भागीदारी को बढ़ावा देना और उन्हें मुख्यधारा की बैंकिंग में एकीकृत करना है। इस सेवा का उपयोग फंड ट्रांसफर करने, बैंक स्टेटमेंट देखने और बैलेंस की जानकारी के लिए किया जा सकता है। इस प्रकार की भुगतान पद्धति का हिंदी में उपलब्ध होने का भी लाभ है।
5. भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM): भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने भीम (NPCI ) बनाया। यह एक मोबाइल आधारित कार्यक्रम है जो तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद कैशलेस भुगतान को सक्षम बनाता है। भीम यूनिफाइड Payment इंटरफेस (UPI ) पर आधारित है, जो सीधे बैंक-टू-बैंक ई-Payment की अनुमति देता है। यह अन्य यूनिफाइड Payment इंटरफेस (UPID) एप्लिकेशन और बैंक खातों के साथ काम करता है। यूनिफाइड Payment इंटरफेस (UPID) IMPS इन्फ्रास्ट्रक्चर के शीर्ष पर निर्मित एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जो आपको वास्तविक समय में किसी भी दो बैंक खातों के बीच पैसे भेजने की अनुमति देती है।
6. यूपीआई (UPID): यूपीआई एक इंटरऑपरेबल Digital भुगतान प्रणाली है, जो किसी भी उपभोक्ता को बैंक खाते में यूपीआई- सक्षम ऐप के माध्यम से पैसे भेजने और प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। यह सेवा उपयोगकर्ताओं को अपने स्मार्टफोन पर एक यूपीआई ऐप से कई बैंक खातों को जोड़ने की अनुमति देती है, इस सुविधा को दिन के 24 घंटे, और साल में 365 दिन इस्तेमाल कर सकते हैं। यूपीआई का प्रमुख लाभ उपयोगकर्ताओं को बिना बैंक खाते या आईएफएससी नंबर के पैसे भेजने की सुविधा देता है।
7. मोबाइल बैंकिंग (MOBILE BANKING): मोबाइल डिवाइस पर वित्तीय लेन-देन करना मोबाइल बैंकिंग (सेल फोन, टैबलेट, आदि) है। यह गतिविधि बैंक द्वारा ग्राहक के फोन पर धोखाधड़ी या उपयोग की जानकारी भेजने से लेकर बिलों का भुगतान करने या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसे ले जाने तक हो सकती है। कहीं से भी और किसी भी समय बैंक की सुविधा का इस्तेमाल करने की क्षमता मोबाइल बैंकिंग के लाभों में से एक है। व्यक्तिगत रूप से या कंप्यूटर पर बैंकिंग की तुलना में, सुरक्षा संबंधी चिंताएं और क्षमताओं की एक सीमित सीमा इसके नुकसान हैं।
8. बैंक प्रीपेड कार्ड (BANK PREPAID CARD): एक प्रीपेड कार्ड से खरीददारी कर सकते है। आप एक कार्ड खरीदते हैं, जिस पर पहले से पैसे लोड होते हैं। तब कार्ड का उपयोग उस राशि तक की खरीदारी करने के लिए किया जा सकता है जितना उस कार्ड मे लोड है । प्रीपेड कार्ड को कभी-कभी स्टोर्ड-वैल्यू कार्ड या प्रीपेड डेबिट कार्ड के रूप में जाना जाता है। प्रीपेड कार्ड विभिन्न प्रकार के स्टोर और ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं। कई प्रीपेड कार्डों पर वीज़ा या मास्टरकार्ड लोगो पाया जा सकता है।
9. माइक्रो एटीएम (MICRO ATM): माइक्रो-एटीएम Portable Point of Sale मशीन हैं जिसका उपयोग उन क्षेत्रों में नकदी वितरित करने के लिए किया जाता है, जहां बैंक शाखाओं तक पहुँचा नहीं जा सकता है। माइक्रो एटीएम, जो लगभग Portable Point of Sale (POS) टर्मिनलों के जैसा हैं, एक प्रकार का मोबाइल बैंकिंग उपकरण है जिसका उपयोग घर पर भी किया जा सकता है।
यह भी पढ़े : अटल पेंशन योजना की पूरी जानकारी : Atal Pension Yojana in Hindi
यह भी पढ़े : Credit SCORE क्या होता है | CIBIL Score Meaning in Hindi
- All Bank Missed Call Balance Check Number
- ऑनलाइन पैन कार्ड कैसे बनाये | How to Apply for Pan Card Online 2022
- Online PPF अकाउंट कैसे खोलें? Online PPF Account Opening 2022
- Mutual Fund Investment Online | Best Mutual Fund in India 2022
- Pradhan Mantri Mudra Yojana 2022 | Online Apply: Eligibility: Documents
- EWS Certificate कैसे बनाएं ? How to Apply for EWS Certificate Online 2022
Online Earning के Tips और YouTube Creator बनने के लिए मेरे YouTube चैनल Techno 4 India को Subscribe करें |