दुनिया भर में Stock Exchange की स्थापना के कई उदाहरण हैं। चाहे वह 1100 के दशक में फ्रेंच में हो या 1300 के दशक में वेनिस में, व्यापारियों द्वारा इटली में शुरू करने के प्रयास किए गए थे। लेकिन, वास्तव में शेयर बाजार की स्थापना सबसे पहले बेल्जियम (Belgium) में हुई थी और इसे बेउरजन (Beurzen) कहा जाता था।
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है जहां सभी कंपनियां listed होती हैं। Stock Exchange ब्रोकर एक कंपनी और एक निवेशक के बीच एक मध्यस्थ के रूप में काम करता है, जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार से पैसा जुटाना होता है तब वह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में listed हो जाती है | जिससे लोग उस कंपनी में निवेश कर सकें।
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आईएएस क्या है? Meaning of IPO in Share Market in Hindi
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जब कोई कंपनी पहली बार Stock Exchange में खुद को Listed करती है, तो इस प्रक्रिया को IPO ( Initial Public Offering ) कहा जाता है। IPO में निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदता है, जिसके बाद एक निवेशक दूसरे निवेशक से शेयर खरीदता और बेचता है। स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों के अलावा बॉन्ड, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव, सरकारी प्रतिभूतियों का भी कारोबार होता है। कोई भी व्यक्ति सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर नहीं खरीद सकता है बल्कि ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है और उस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है सभी ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के मेंबर होते है और यह उनके लिए अनिवार्य है |
शेयर
शेयर का मतलब होता है हिस्सा और बाजार उस जगह को कहते हैं जहां आप खरीद-बिक्री कर सकें अगर आसान भाषा में समझे तो जब कोई व्यक्ति या संस्थान अपनी कंपनी में निवेश बढ़ाने के लिए अपनी कंपनी के मालिकाना हक को शेयर जारी करके उसे बेचता है | जो व्यक्ति किसी कंपनी या संस्थान के मालिकाना हिस्सों को खरीदता है वो उस कंपनी का हिस्सेदार (Shareholder) हो जाता है यानि के शेयर का मालिक हो जाता है | जो व्यक्ति उन शेयर को खरीदता है वो व्यक्ति शेयरहोल्डर कहलाता है |
शेयरहोल्डर का मतलब होता है (हिस्सेदार) तो अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीद लेते है तो आप भी उस कंपनी के शेयरहोल्डर हो जायेंगे |
शाब्दिक अर्थ में, शेयर बाजार एक सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने और बेचने का स्थान है। भारत में Bombay Stock Exchange चेंज (BSE) और National Stock Exchange (NSE) नाम के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं। BSE या NSE पर Listed कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं।
1992 में शेयर बाजार में हर्षद मेहता के घोटाले के बाद, भारत सरकार ने निवेशकों के हितों की रक्षा करने तथा शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए SEBI का गठन किया, उस समय Bombay Stock Exchange (BSE) एकमात्र स्टॉक एक्सचेंज हुआ करता था। SEBI शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को लाना चाहता था, पर BSE के निवेशकों को यह पसंद नहीं आया, जिसके बाद 1992 में ही National Stock Exchange (NSE) की स्थापना हुई।
NSE भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से विकसित स्टॉक एक्सचेंज है और इसकी स्थापना के बाद ही शेयर बाजार में कागजी कार्रवाई के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग शुरू हुई और शेयर बाजार में अधिक पारदर्शिता आई।
1992 स्कैम के बाद जहाँ निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार से उठ गया था, वहीँ NSE ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करके निवेशकों का विश्वास जीता जिससे भारत में निवेशकों की संख्या बढ़ने लगी | भारतीय पूंजीकरण में एनएसई का योगदान अमूल्य है |
घरेलू और साथ ही विदेशी निवेशक (FII या FPI) बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ शेयर बाजार या शेयर बाजार में काफी निवेश करते हैं।
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कंपनी शेयर क्यों बेचती है? Company Share sale
कम्पनियाँ अपना निवेश बढ़ने के लिए शेयर बेचती है क्योंकी बिना निवेश के किसी एक व्यक्ति के लिए बड़ी कंपनी को चलाना या छोटी कंपनी को बड़ा बनाना आसान नहीं होता है |
इस सब में बहुत सारा पैसा खर्च होता है और हर किसी के पास इतनी बड़ी रकम नहीं होती और जिनके पास कंपनी होती है वे लोग अपनी कम्पनी खुद चला लेते है लेकिन 99% लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता है।
शेयर कैसे बनते है?
कंपनी के मालिक अपनी कंपनी में निवेश बढ़ने के लिए अपनी कंपनी को पब्लिक कर देता है और खुद को NSE या BSE में रजिस्टर करके शेयर जारी कर देते है जिसके बाद आम लोग उन शेयर को खरीद लेते है और उसके बाद उन्ही शेयर्स को एक्सचेंज में बेचकर मुनाफा कमाते है | इस प्रकार शेयर बनते है |
शेयर के प्रकार | Types of Shares in India

मुख्य रूप से तीन प्रकार के शेयर होते हैं जिनमें इक्विटी शेयर भी शामिल होते हैं।
• Equity Share (इक्विटी शेयर)
• Preference Share (प्रेफरेंस शेयर)
• DVR Share (डी वी आर शेयर)
Equity Share (इक्विटी शेयर) | Equity Share Meaning in Hindi
Stock Exchange पर लिस्टेड कंपनी जब अपना शेयर इशू करती है तो उन शेयर को Equity Share कहा जाता है | अन्य शेयर कि तुलना में Equity Share सबसे ज्यादा ट्रेड किये जाते है क्योंकि यह शेयर लगभग सभी कंपनी के द्वारा इशू किये जाते है | स्टॉक एक्सचेंज में लोग सबसे ज्यादा Equity Share पर ही इन्वेस्ट और ट्रेडिंग करते है इस कारण से इन्हें लोग Equity Share कि जगह सिर्फ शेयर कहना पसंद करते है |
Preference Share (प्रेफरेंस शेयर) | Preference Share Meaning in Hindi
शेयर बाजार में Equity Share के बाद Preference Share का नाम बहुत चलता है, इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं होता है। क्योंकि यह दोनों आखिर है तो शेयर ही कुछ बाते है जो Equity Share से परेफरेंस शेयर को अलग बनती है वह कुछ इस प्रकार है |
उदाहरण के लिए, परेफरेंस शेयर होल्डर कभी भी कंपनी कि मीटिंग में मतदान (Voting) नहीं कर सकता है क्योंकि Preference Share होल्डर के पास इसका अधिकार नहीं होता और Preference Share होल्डर को कंपनी से मिलने वाला लाभ पहले ही बता दिया जाता है जो कि उसे वर्ष के अंत में मिलने वाला है, इस प्रकार से परेफरेंस शेयर Equity Share से अलग है |
DVR Share (डी वी आर शेयर)
DVR शेयर का फुल फॉर्म है: Share with Differential Voting Rights.
DVR शेयर Equity और Prefrence शेयर से अलग है, यह अलग है क्योंकि DVR शेयरधारक को Equity Share की तरह लाभ मिलता है लेकिन उनकी तरह के मतदान (Voting) अधिकार नहीं मिलते।
ऐसा नहीं है कि DVR शेयर होल्डर मतदान (Voting) नहीं कर सकते है | DVR होल्डर मतदान (Voting) कर सकते है लेकिन उसके वोटिंग अधिकार सुनिश्चित होते है | उनको जहाँ वोटिंग करने का अधिकार दिया जाएगा वही DVR शेयर होल्डर वोटिंग कर पायेगा |
शेयर कैसे ख़रीदे | How to Purchase Shares Online

शेयर खरीदने से पहले आपको शेयर बाज़ार के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए अगर आपको वो जानकारी है और आप जान गए है की शेयर बाज़ार क्या होता है तो आइए अब जानते हैं कि शेयर कैसे खरीदे जाते हैं और शेयर खरीदने के लिए क्या करना पड़ता है |
शेयर खरीदने के लिए आपको कुछ नहीं करना पड़ता आपको बस अपने demat अकाउंट में जाकर शेयर पर बिड लगा कर शेयर को खरीदना पड़ता है और बेचना पड़ता है | और आप बड़ी ही आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते है और अच्छा खासा मुनाफा कामा सकते है | यह काम कोई भी कर सकता है आप भी कर सकते है बस आपको शेयर को सही तरीके से खरीदना और बेचना आना चाहिए |
स्टॉक मार्किट खुलने का समय। Stock Market Opening Time India
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Trading )भारत में एक निश्चित समय अंतराल के दौरान ही की जा सकती है। ग्राहकों को इस तरह का लेनदेन ब्रोकरेज एजेंसी के जरिए सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.30 बजे के बीच करना होता है। सप्ताह के दिनों में। अधिकांश निवेशक भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों की खरीद / बिक्री करते हैं। इन दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के लिए भारतीय शेयर बाजार का समय समान है।
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